कुछ अल्फ़ाज़ों की कमी थी शायद
कहा कुछ पर वो समझ कुछ और रहे थे
जहां चल पड़े थे वो रास्ते अनजान थे
वो सड़कें सुनसान थीं, वो चेहरे गुमनाम थे
एक मोड़ शायद ग़लत ले लिया था उन्होंने
बताने वाले भी कहाँ सब जानते थे
एक उमर गुजर गयी चलते
चलते कुछ मोड़ ज़रूर खूबसूरत थे ।
खूबसूरत मोड़
